आलोट। अष्टापद जैन तीर्थ प्रेरिका साध्वी श्री जीन शिशु प्रज्ञा श्रीजी से प्रेरित होकर छह मुमुक्षुओं ने गृहस्थ जीवन का त्याग कर संयम जीवन अपनाने का संकल्प लिया है। संयम सारथी आचार्य श्री जिन पीयूष सागर जी महाराज ने बुधवार को सूरत में सभी मुमुक्षुओं को दीक्षा का मुहूर्त प्रदान किया।

मुमुक्षु बेन डॉ. हर्षा काकरिया निवासी धूलिया (महाराष्ट्र) अपने पिता दिनेश काकरिया, माता अनामिका काकरिया और भाई विधान के साथ सूरत पहुंचीं। दीक्षा मुहूर्त से पूर्व उन्होंने साध्वी श्री शाश्वत निधि जी के दर्शन-वंदन किए, जो पूर्व में उनकी सांसारिक बेटी थीं।

डॉ. हर्षा जब दीक्षा मुहूर्त ले रही थीं, तभी उनके माता-पिता और भाई ने भी संसार जीवन त्यागने का संकल्प लिया। आचार्य श्री ने तीनों को भी दीक्षा का मुहूर्त प्रदान किया। इनके साथ सविता बोहरा (सांचौर) और मुस्कान सेठिया (मालेगांव) को भी दीक्षा मुहूर्त मिला।

अष्टापद जैन तीर्थ के सचिव रविंद्र सिंह श्रीमाल, कोषाध्यक्ष मनीष कोचर एवं पंकज मेहता भी इस अवसर पर सूरत पहुंचे। सभी मुमुक्षुओं की दीक्षा 7 दिसंबर को अष्टापद जैन तीर्थ से निकलने वाले 41 दिवसीय “छः रि पलीत संघ” के तहत पालीताणा तीर्थ पर 16 जनवरी को आचार्य श्री जिन पीयूष सागर जी महाराज की निश्रा में संपन्न होगी।

इस पावन अवसर पर साध्वी श्री प्रज्ञा श्रीजी सहित अनेक साधु-साध्वी मंडल उपस्थित रहेंगे।
उक्त जानकारी अष्टापद तीर्थ के सहसचिव नितेश बांठिया एवं कार्यकारी सदस्य डॉ. सुनील चोपड़ा ने दी।