आलोट। श्री अनादि कल्पेश्वर महादेव मंदिर, धरोला में बुधवार की संध्या श्रद्धा, भक्ति और आलोक का अद्भुत संगम बनी। कार्तिक मास महोत्सव के अवसर पर आयोजित दीपोत्सव और महाआरती में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों दीपों से जगमगाते मंदिर प्रांगण में ऐसा दिव्य वातावरण निर्मित हुआ कि हर भक्त “हर हर महादेव” के जयघोष में खो गया।

सायं पांच बजे दीप प्रज्वलन के साथ आरंभ हुए कार्यक्रम में कनक पर्वत पूजन के पश्चात भक्तों ने भक्ति भाव से गंगा आरती में सहभागिता की। श्री कलेवरकुंड गंगा आरती सायं छह बजे प्रारंभ हुई, जिसकी झिलमिल रोशनी और शंख-घंटों की गूंज ने वातावरण को पवित्रता से भर दिया। आरती के समय श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था — कोई दीप प्रज्वलित कर प्रणाम कर रहा था, तो कोई भक्ति में तल्लीन होकर भगवान का नाम जप रहा था।

सायं सात बजे आरंभ हुए भगवान श्री अनादि कल्पेश्वर महादेव के श्रृंगार दर्शन ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। रत्नों से सजे दिव्य स्वरूप, पुष्पों की अनुपम सज्जा और प्रकाशमालाओं की झिलमिलाहट ने मंदिर परिसर को स्वर्गिक आभा से भर दिया। रंग-बिरंगी रंगोलियों और पुष्प सजावट ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

महाआरती और छप्पन भोग प्रसादी वितरण के दौरान मंदिर परिसर में भक्ति का सागर उमड़ पड़ा। भक्तों की लंबी कतारें प्रसाद ग्रहण करने के लिए लगी रहीं। भक्ति संगीत और शंकर भजनों की गूंज ने पूरे क्षेत्र को शिवमय बना दिया।

मंदिर समिति एवं व्यवस्थापक निजानंददास जी महाराज के मार्गदर्शन में पूरे आयोजन की तैयारी और व्यवस्था सुव्यवस्थित रही। पुष्पों, दीपों और सजावट की सुंदरता ने आयोजन को भव्यता प्रदान की।

मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि यह पर्व हर वर्ष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस बार भक्तों की उपस्थिति और उत्साह ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया। नगर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी, माताएं और बहनें इसमें सम्मिलित हुईं।

श्री अनादि कल्पेश्वर महादेव मंदिर में संपन्न कार्तिक मास महोत्सव ने न केवल भक्ति की भावना को प्रखर किया, बल्कि क्षेत्र में धार्मिक एकता, सद्भाव और संस्कृति की दीपमालिका भी प्रज्वलित कर दी।
यह आयोजन भक्तों के हृदय में सदैव के लिए अमिट आध्यात्मिक स्मृति बन गया।