शहर को गलत योजनाओं के आकलन से बिगड़ने नहीं दूंगा - सुधीर गुप्ता
मंदसौर - मास्टर प्लान 2041 को लेकर संासद सुधीर गुप्ता सख्त नाराजगी जाहिर की। उन्होने इसमें विसंगतियों को लेकर कई सवाल अधिकारियों से किए जिसका जवाब किसी भी अधिकारी के पास नही था। ऐसे में संासद गुप्ता ने सवालों से अधिकारी बचते नजर आए।
शनिवार को कलेक्टरेट सभागृह में मास्टर प्लान 2041 को लेकर बैठक हुई, जिसमें सांसद सुधीर गुप्ता ने मास्टर प्लान 2041 में विभिन्न त्रुटियों को लेकर एक नो पेज का पत्र टीएनसी अधिकारी और जिला कलेक्टर को सौपा। पत्र में उन्होंने विभाग द्वारा किन-किन अधिकारियों और विभागों के साथ बैठक कर प्लान का प्रारूप तैयार किया । विभिन्न गांवों को मास्टर प्लान में शामिल करने के लिए किन-किन पंचायत और नगर पालिका के पार्षदों व अधिकारियों के साथ कब-कब बैठक की गई और इसको शामिल करने का पैमाना क्या रहा। इसको लेकर सख्त लहजे में सवाल किए। क्योंकि शहर के मध्य डेढ़ किलोमीटर तक के गांव को जो शहर से बिल्कुल लगे हैं उन्हें छोड़कर 7 किलोमीटर तक विभाग का जाना और उन्हें शहर की प्लानिंग में शामिल करना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में लगभग 3500 एकड़ जमीन में मंदसौर नगर पालिका क्षेत्र की सीमा है जिसमें से 1800 एकड़ पर ही शहर बसा है। शेष जमीन का उपयोग किस तरह से और कैसे किया जाएगा । जब इतनी पुरानी नगर पालिका होने के बाद भी शहर का विकास में अभी बहुत सारी जमीन निर्माण नहीं हो सके हैं ऐसे में 7 किलोमीटर दूर गांव तक 15 वर्ष में शहर के प्लानिंग कैसे बनाई गई आदि कई तरह के सवाल उन्होंने खड़े किए । बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि मौजूद अधिकारी जो यहां बैठक में मौजूद है क्या टीएनसी ने मास्टर प्लान बनाते समय इन अधिकारियों से पत्र व्यवहार किया या विभाग की प्रशस्तनिक स्वीकृति प्राप्त की, शहर के सभी 40 वार्डों के पार्षदों की सहमति पत्र प्राप्त किया, साथ ही उन्होंने बताया कि यह बैठक कब और कैसे संचालित की गई इसका भी पूरा ब्यौरा बताएं। उन्होने कहा कि एक क्षेत्र के सांसद होने के नाते मुझे इस बैठक की जानकारी क्यों नहीं दी गई। ऐसे सख्त सवालों के जवाब अधिकारी देने में असमर्थ रहे और अधिकारी निरातुर रहे। सांसद सुधीर गुप्ता ने टीएनसी अधिकारी व संबंधित अधिकारियों के साथ -साथ टीएनसी के संयुक्त संचालक विष्णु खरे से भी वर्चुअल सवाल किया और कहां की शहर की जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को बताएं बिना बंद कमरे में अधिकारी इस शहर का मास्टर प्लान कैसे तैयार कर सकते हैं। सांसद गुप्ता ने मास्टर प्लान में शहर का विकास उसकी भौगोलिक संरचना, बस स्टैंड, सड़क और उद्योग स्थापित जैसी कई योजनाओं जो कि अधिकारियों ने मास्टर प्लान में शामिल की है उसे उसे किस आधार पर शामिल किया गया इसका भी जवाब मांगा। सांसद गुप्ता ने यह भी कहा कि बिना धरातल पर गए कुछ भी सड़को का चौरडीकरण व निर्माण दर्शा रखा है। जो मंदसौर 130 वर्षो में 1800 हेक्टेयर पर गया है उसे अगले 15 वर्षो में 5200 हेक्टेयर की आवश्यकता है यह तर्क कहा से आया। उन्होने कहा कि शहर का हर नागरिक शहर से प्रेम करता है और उसका विकास देखना चाहता है व उसमें सहयोग भी करना चाहता है । शहर का निवासी भयमुक्त जीवन यापन करे ऐसा विश्वास दिलाये। बैठक में जिला कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग ने विभाग के अधिकारियों को 10 दिन के भीतर इसकी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराकर जनप्रतिनिधि तक पहुंचाने के निर्देश दिए।
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मास्टर प्लान 2041 की त्रुटियों को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता हुए सख्त
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