जैन समाज ने निकाली भव्य शोभायात्रा

भवानीमंडी । दिगम्बर जैन समाज द्वारा दिगंबर संतो की पिच्छिका परिवर्तन समारोह सोमवार को आयोजित किया गया। मुनिद्वय को समाज के श्रावकश्रेष्ठियों, नवयुवक मंडल, बालिका मंडल व बाहर से पधारे अतिथियों द्वारा नवीन पिच्छीका भेंट की गई ।
दिगंबर जैन समाज अध्यक्ष विजय जैन जूली ने बताया कि भवानीमंडी में चातुर्मास हेतु विराजित आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिद्वय श्री निष्पक्षसागरजी महाराज व श्री निस्पृहसागरजी महाराज के चातुर्मास समापन के अवसर पर भव्य पिच्छिका परिवर्तन समारोह का आयोजन किया गया इस अवसर पर दोपहर में नवीन पिच्छिका की शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें समाज के बालक बालिकाएं हाथों में धर्म ध्वजा व पिच्छी के चित्र लिए हुए चल रहे थे, महिलाएं अपने सिर पर मंगल कलश व नवीन पिच्छी लिए चल रही थी, वही पुरुष वर्ग ढोल की थाप पर थिरकते हुए चल रहे थे, शोभायात्रा विद्या भवन से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई कार्यक्रम स्थल परंपरा रिसॉर्ट पहुंची। जहां कार्यक्रम की शुरुआत पाठशाला के बालक बालिकाओं द्वारा मंगलाचरण नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी गई जिसके पश्चात मुनिद्वय श्री निष्पक्षसागरजी महाराज व श्री निस्पृहसागरजी महाराज के चरणों का प्रक्षालन सुरेश जैन सिद्धार्थ जैन परिवार रामगंजमंडी व शास्त्र भेंट भवानीमंडी महिला मंडल व बहू मंडल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बाहर से पधारे संगीतकार आशीष जैन द्वारा आकर्षक भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। वही मुनिद्वय को समाज के श्रावकश्रेष्ठियों, नवयुवक मंडल, बालिका मंडल व बाहर से पधारे अतिथियों द्वारा नवीन पिच्छीका भेंट की गई, मुनिश्री निष्पक्षसागरजी महाराज की पुरानी पिच्छी लेने का सौभाग्य सीए नीरज जैन स्वाति जैन सिंघाई परिवार भोपाल को व मुनिश्री निस्पृहसागरजी महाराज की पुरानी पिच्छी लेने का सौभाग्य सुखमाल जैन सीमा जैन परिवार भवानीमंडी को प्राप्त हुआ।
साथ ही बताया कि यह नगर के इतिहास में पिच्छिका परिवर्तन का सबसे ऐतिहासिक कार्यक्रम रहा, जिसमें झालावाड़, पिड़ावा, सुसनेर, कड़ोदिया, सुनेल, रामगंजमंडी, भानपुरा, कोटा, इंदौर, भोपाल, विदिशा, आष्टा, टीकमगढ़, शाहगढ़, शाहपुर, देवास सहित कई स्थानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पधारे।