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अवैध क्रेशर प्लांट पर कार्रवाई — मजदूर की मौत के बाद प्लांट सीज, जिम्मेदार अधिकारी भी कटघरे में
<p><strong>आलोट/दुर्गाशंकर पहाड़िया</strong>/ नगर के समीप संचालित भाजपा नेता संतोष पालीवाल के क्रेशर प्लांट पर शुक्रवार को माइनिंग विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्लांट को सीज कर दिया। बताया गया कि यह प्लांट लंबे समय से बिना किसी वैध अनुमति के संचालित हो रहा था। कुछ दिन पूर्व प्लांट में कार्यरत युवक अर्जुन (पिता काना गुर्जर, निवासी चापला खेड़ी) की मशीन में दबने से मौत हो गई थी, जिसके बाद मामला गंभीर हुआ।</p><p>माइनिंग अधिकारी रीना पाठक ने मौके पर पहुंचकर प्लांट को बंद कराया और बताया कि रेत उत्पादन पूरी तरह अवैध रूप से किया जा रहा था। कितनी मात्रा में अवैध खनन कर रेत बनाई गई, इसकी जांच जारी है। रिपोर्ट के आधार पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।</p><p>इस बीच यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि जब प्लांट बिना अनुमति के इतने लंबे समय से चल रहा था, तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहे थे। क्षेत्र में अवैध खनन का संचालन वर्षों से चलता रहा और संबंधित विभाग इससे अनजान बना रहा, जिससे लापरवाही और मिलीभगत दोनों पर संदेह गहराया है।</p><p>कांग्रेस नेता राजू डॉबी ने मजदूर की मौत के बाद तत्काल कार्रवाई की मांग की थी। वहीं कांग्रेस नेता विराम गुर्जर ने कहा कि संतोष पालीवाल पहले कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू के करीबी रहे, फिर मनोज चावला के साथ जुड़े और भाजपा की सरकार आते ही पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए। आरोप लगाया कि सत्ता के प्रभाव में रहकर क्षेत्र में अवैध गतिविधियाँ बढ़ीं और मजदूरों के साथ अन्याय हुआ।</p><p>स्थानीय लोगों ने कहा कि क्षेत्र में अन्य स्थानों पर संचालित माइनिंग मशीनों और क्रेशर प्लांटों की भी पारदर्शी जांच हो, तो मजदूर सुरक्षा में बरती जा रही लापरवाही और कई अनियमितताएँ उजागर हो सकती हैं। उन्होंने मांग की कि प्रशासन इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी प्लांटों की अनुमति, सुरक्षा मानकों और विभागीय निगरानी की खुली जांच करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न दोहराई जाएँ।</p>
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