<p><strong>आलोट / दुर्गाशंकर पहाड़िया /</strong> अष्टापद जैन तीर्थ प्रेरिका जिन शिशु प्रज्ञा श्रीजी सहित साध्वी मंडल का रविवार सुबह अष्टापद तीर्थ में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मंगल प्रवेश हुआ। प्रवेश के अवसर पर अष्टापद ट्रस्ट मंडल के सदस्य तथा हाट पिपलिया जैन श्रीसंघ ने उनकी अगवानी कर चल समारोह निकाला। मार्ग में प्रज्ञा श्रीजी का स्थान–स्थान पर अक्षत से अभिनंदन किया गया।</p><p>प्रतापगढ़ में चातुर्मास पूर्ण होने के बाद साध्वी मंडल उग्र विहार कर रविवार को अष्टापद पहुंचे। इस दौरान अष्टापद ट्रस्ट मंडल के आज़ाद सिंह ददडा, डॉ. सुरेश मेहता, सरदार मल चोरडिया, रविंद्र सिंह श्रीमाल, मनीष कोचर, नितेश बांठिया, महेंद्र चोपड़ा, मनीष मेहता, डॉ. सुनील चोपड़ा, हाट पिपलिया संघ के राजेश एवं संदीप नादेचा, तथा जावरा श्रीसंघ के आशीष दासोत, अखिलेश ददडा सहित पदाधिकारी उपस्थित रहे।</p><p>7 दिसंबर को निकलेगा 41 दिवसीय छः रि पालीत पैदल संघ<br>अष्टापद जैन तीर्थ के सचिव रविंद्र सिंह श्रीमाल ने बताया कि तीर्थ प्रेरिका जिन शिशु प्रज्ञा श्रीजी की प्रेरणा से आचार्य श्री जिन पीयूष सागर जी आदि ठाणा एवं साध्वी मंडल की निश्रा में 7 दिसंबर को अष्टापद तीर्थ से पालीताना जैन तीर्थ तक 41 दिवसीय ‘छः रि पालीत’ पैदल संघ रवाना होगा।</p><p>इस पैदल संघ के पत्रिका लेखन का कार्यक्रम 23 नवंबर को तीर्थ परिसर में आयोजित किया जाएगा। संघ के मुख्य लाभार्थी प्रतापगढ़ निवासी भूपेंद्र कुमार गेंदमल चिपड परिवार होंगे तथा देशभर के 36 संघपति एवं उनके परिवारजन कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। इसी दिन छह मुमुक्षुओं के पत्रिका लेखन तथा एक मुमुक्षु को दीक्षा मुहूर्त प्रदानोत्सव का आयोजन भी किया जाएगा।</p>