<p>आलोट /दुर्गाशंकर पहाड़िया/ &nbsp;मंगलवार की जनसुनवाई में आलोट क्षेत्र के ग्राम पिपलिया से आए आवेदक कांतिलाल पिता सुखराम ने शिक्षा विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अतिथि शिक्षक चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता को दरकिनार कर मनमानी की गई है। आवेदक ने शिकायत में उल्लेख किया कि वर्ष 2018–19 में उन्होंने नियमानुसार ऑनलाइन आवेदन किया था और उनके 186.40 अंक होने के बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई, जबकि प्राथमिक विद्यालय बिलावली में कम अंक वाले अभ्यर्थी को पदस्थ कर दिया गया।</p><p>शिकायतकर्ता के अनुसार संबंधित पदस्थापना नियमों के विपरीत और दबाव में की गई है। आवेदक ने आरोप लगाया कि पूर्व में भी अधिकारियों को शिकायत दी गई थी, परंतु कार्रवाई करने के बजाय अपात्र अभ्यर्थी को दोबारा पदस्थ कर दिया गया, जिससे विभागीय कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है।</p><p>जनसुनवाई में जब मामला सामने आया तो अधिकारियों ने इसे गंभीर मानते हुए जिला शिक्षा अधिकारी रतलाम को तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। आवेदक ने मांग की है कि पात्र आवेदकों का हक़ छीने जाने और नियम-विरुद्ध पोस्टिंग के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।</p><p>क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यदि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण विद्यालयों में पारदर्शी भर्ती की उम्मीद समाप्त हो जाएगी। जनसुनवाई में यह मामला पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा।</p>