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आलोट में गड़ा धन प्रकरण: थाना प्रभारी लाइन हाजिर, पर कार्रवाई पर अब भी सस्पेंस — पारदर्शिता को लेकर नगर में तीखी चर्चा
<p><strong>आलोट/दुर्गाशंकर पहाड़िया/ </strong>नगर में चर्चा में आए गड़ा धन प्रकरण ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले का संज्ञान लेते हुए एसपी अमित कुमार ने तत्काल प्रभाव से आलोट थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान को लाइन हाजिर कर दिया तथा मुनेंद्र गौतम को नया थाना प्रभारी नियुक्त किया। हालांकि, पदस्थापना बदली के बावजूद मुख्य प्रश्न अब भी अनुत्तरित है — गड़ा धन मामले में वास्तविक कार्रवाई आखिर हुई क्या?</p><p>प्रकरण सामने आने के बाद से ही नगर में कई तरह की चर्चाएँ तेज हैं। स्थानीय लोग लगातार यह सवाल उठा रहे हैं कि<br>“बिना एफआईआर, बिना लिखापढ़ी के, पवन कमरिया को आखिर सामग्री कैसे और किस आधार पर वापस कर दी गई?”<br>घटना के वक्त दो वीडियो क्लिप खूब वायरल हुए, जिनमें जनप्रतिनिधियों और कुछ स्थानीय व्यक्तियों को मजदूर से सोने के सिक्के व आभूषण लेते हुए देखा गया था। इन्हीं वीडियो को आधार बनाकर नागरिक पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं।</p><p>एसडीओपी पल्लवी बर को जांच सौंपी गई थी, पर स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि जांच की प्रक्रिया अब तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुई है। कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब न मिलने से संदेह और गहरा गया है। नगर में चर्चा है कि —<br>“कहीं राजनीतिक दबाव या प्रभावशाली लोगों के हस्तक्षेप से मामला दब तो नहीं गया?<br>क्या गड़ा धन पूरी तरह बरामद हुआ?<br>और यदि हुआ तो पूरा रिकॉर्ड कहाँ है?”</p><p>नागरिकों का कहना है कि यदि निष्पक्ष जांच हो, तो और भी गड़ा धन मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।</p><p>इधर, थाना प्रभारी बदले जाने को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएँ हैं, परंतु लोग साफ कह रहे हैं कि कार्यवाही का सार सिर्फ पदस्थापना बदलना नहीं होना चाहिए, बल्कि वास्तविक सच्चाई सामने आनी चाहिए।<br>नगरवासियों की यह भी मांग है कि पुलिस प्रशासन पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक करे, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि सोने के सिक्के, आभूषण और अन्य सामग्री वास्तव में किसके कब्जे से मिली और अब कहाँ है।</p><p>नगर में माहौल ऐसा है कि लोग एक ही बात दोहरा रहे हैं—<br>“सिर्फ तबादला नहीं, सच्चाई चाहिए… पारदर्शी कार्रवाई चाहिए।”</p><p>इस प्रकरण से जुड़ा हर पहलू अभी भी सवालों में घिरा है, और नागरिकों की निगाहें अब एसपी कार्यालय की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।</p>
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