<p><strong>जबलपुर/जगदीश परमार / &nbsp;</strong>जबलपुर हाईकोर्ट की दो न्यायाधीशों, मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों के जजों तथा उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस को कड़े निर्देश जारी किए हैं। बेंच ने कहा, “जब जजों को ही सुरक्षा की आवश्यकता पड़ रही है, तो आम नागरिकों की स्थिति का अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है।”</p><p>बेंच ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हाल ही में दो जजों के घरों में चोरी की घटनाएँ हुईं, एक जज के घर में घुसने का प्रयास किया गया और एक जज पर हमला भी हुआ। इन घटनाओं को देखते हुए न्यायालय ने कहा कि स्थिति सामान्य नहीं है।</p><p>उच्च न्यायालय ने 23 जुलाई 2016 को मंदसौर में जिला कोर्ट के जज राजवर्धन गुप्ता पर हुए हमले की घटना का भी उल्लेख किया। इस मामले की जांच रिपोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ने हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी, जिसके आधार पर हाईकोर्ट ने जजों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुनवाई शुरू की है।</p><p>हाईकोर्ट ने सभी जिला सत्र न्यायालयों और सदस्य न्यायालयों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता व्यक्त की और सरकार से इस संबंध में जवाब तलब किया। राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट परिसरों के चारों ओर पर्याप्त ऊँचाई की बाउंड्री बनाने के कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में दिशा‑निर्देश प्राप्त करने के बाद छह सप्ताह में कार्य पूरा कर लिया जाएगा।</p><p>अगली सुनवाई 4 दिसंबर को निर्धारित की गई है, जिसमें हाईकोर्ट जजों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों और सरकार की प्रतिक्रिया पर विस्तृत चर्चा होगी।</p>