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झालावाड़ के समस्त थानों में महिला विश्राम गृह/ महिला बैरक की शुरुआत
<p><strong>झालावाड़</strong>/ महिला कर्मियों की संख्या हमारे पुलिस बल में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखती है। अतः यह आवश्यक है कि हम उन्हें बुनियादी सुविधाएँ पर्याप्त और सम्मानजनक रूप से उपलब्ध कराएँ। वर्तमान में, जहाँ कांस्टेबल से एएसआई स्तर तक के पुरुष कार्मिकों के लिए समर्पित बैरक उपलब्ध हैं, वहीं अधिकांश थानों में हमारी महिला कर्मियों के लिए ऐसे प्रबंधों का अभाव है।</p><p>महिला पुलिसकर्मियों को अपने घर-परिवार की अनेक जिम्मेदारियाँ निभाने के बाद—जैसे भोजन बनाना, बच्चों की देखभाल करना, बुजुर्गों की सेवा करना—ड्यूटी पर पहुँचना पड़ता है। ऐसे में यदि उन्हें आधे घंटे भी आराम की आवश्यकता हो, तो उनके लिए कोई समर्पित सुरक्षित स्थान उपलब्ध नहीं होता। कई बार महिला पीड़ितों अथवा महिला अभियुक्तों से जुड़े मामलों में उन्हें देर रात तक कार्य करना पड़ता है। कानून-व्यवस्था की स्थितियों में भी उन्हें लंबे और अनियमित समय तक थाने में ही रुकना पड़ता है। इसके बावजूद भी उनके लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक विश्राम कक्ष उपलब्ध नहीं है।</p><p>महिला कर्मियों को कई अतिरिक्त कारणों से भी एक सुरक्षित विश्राम स्थल की आवश्यकता होती है—जैसे छोटे बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताएँ तथा निजता की आवश्यकता। नए थानों के भवनों में महिला बैरक का प्रावधान है, परंतु लगभग 90 प्रतिशत थाने पुराने भवनों में हैं, जहाँ ऐसी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं।</p><p>इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए झालावाड़ पुलिस द्वारा सभी थानों में महिला बैरक विकसित करने की पहल की गई है। लगभग 15 थानों में जहाँ अतिरिक्त कक्ष उपलब्ध थे, उन्हें महिला बैरक के रूप में विकसित किया गया है। साथ ही, 9 थानों में भामाशाहों के सहयोग से संलग्न शौचालय एवं स्नानागार सहित नए महिला बैरक का निर्माण हो चुका है या निर्माणाधीन है।</p><p>हमें विश्वास है कि यह पहल हमारी महिला कर्मियों की सुरक्षा, गरिमा और कार्य-सुविधा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी तथा उन्हें एक अधिक समावेशी और सहयोगपूर्ण कार्य वातावरण प्रदान करेगी।</p><p> </p>
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