<p><strong>ऑनलाइन नवीनीकरण प्रक्रिया में उदासीनता उजागर, 31 दिसंबर की अंतिम तिथि सिर पर</strong></p><p><strong>आलोट/ दुर्गाशंकर पहाड़िया । </strong>मध्यप्रदेश स्टेट फार्मेसी काउंसिल द्वारा फार्मेसी लाइसेंस के नवीनीकरण एवं पंजीयन की प्रक्रिया ऑनलाइन किए जाने के बाद भी जिले में बड़ी संख्या में मेडिकल संचालकों द्वारा आवश्यक दस्तावेज़ समय पर तैयार न किए जाने के कारण नवीनीकरण अधर में लटका हुआ है। स्पष्ट दिशा-निर्देश लंबे समय पहले जारी किए जाने के बावजूद संचालकों की लापरवाही सामने आ रही है। परिणामस्वरूप रतलाम जिले की लगभग 250 से अधिक मेडिकल दुकानों के आवेदन अपूर्ण दस्तावेजों के कारण रुके पड़े हैं।</p><p>काउंसिल द्वारा समग्र आईडी अपडेट, मूल निवासी प्रमाण पत्र अंग्रेजी भाषा में, मैरिज सर्टिफिकेट तथा दस्तावेज़ों में नाम और पिता के नाम की सही स्पेलिंग की अनिवार्यता पहले ही लागू की जा चुकी है। इसके बाद भी संचालकों ने संशोधन और प्रमाण-पत्र तैयार करने में गंभीरता नहीं दिखाई और अब अंतिम समय में प्रोसेस में अड़चन आने पर प्रणाली व काउंसिल पर आरोप लगा रहे हैं।</p><p>जिम्मेदार सूत्रों ने स्पष्ट किया कि पूर्ण दस्तावेज़ उपलब्ध होने पर आवेदन तत्काल स्वीकृत किए जा सकते हैं, परंतु कई संचालकों ने पारंपरिक आदत के अनुसार अंतिम क्षण में नवीनीकरण प्रक्रिया शुरू की, जिससे अब असुविधा बढ़ रही है। परिषद के अनुसार दस्तावेज़ों की शुद्धता सुनिश्चित करना प्रत्येक आवेदक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।</p><p>चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित तिथि तक आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए तो संबंधित मेडिकल लाइसेंस स्वतः निरस्त होंगे और बिना लाइसेंस दवा बिक्री दंडनीय अपराध माना जाएगा। परिषद की ओर से जोर देकर कहा गया है कि नियमों में किसी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी और शिथिलता दिखाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।</p>