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तकनीकी त्रुटियों को दूर कर शहर के हित में मास्टर प्लान बनाया जाए – सांसद सुधीर गुप्ता
<p><strong>मंदसौर</strong>। मंदसौर मास्टर प्लान 2041 को लेकर आज जिला कलेक्टर कार्यालय के सभागृह में नगर एवं ग्राम समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मंदसौर-नीमच सांसद माननीय श्री सुधीर गुप्ता ने मास्टर प्लान के ड्राफ्ट में मौजूद गंभीर तकनीकी एवं प्रायोगिक त्रुटियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए इसे पुनः संशोधित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।</p><p><strong>सांसद गुप्ता ने बताया कि पिछली बैठक में जिन मूलभूत बिंदुओं पर उन्होंने आपत्ति दर्ज की थी, उन पर अभी तक संबंधित विभागों द्वारा समुचित कार्य नहीं किया गया। उन्होंने कहा—</strong><br>“मास्टर प्लान तभी स्वीकार्य होगा जब इसे शहर के हित में, पूर्ण तकनीकी अध्ययन के साथ और जनहित की प्राथमिकता पर तैयार किया जाए। जब तक इस प्लान का बेसिक ढांचा मजबूत नहीं होता, तब तक आगे की कोई प्रगति संभव नहीं है।”</p><figure class="image"><img style="aspect-ratio:1600/1200;" src="../admin/uploads/692971e4f2cd7_1004672261.jpg" width="1600" height="1200"></figure><p><strong>अधिकारियों की गंभीर चूकें उजागर</strong></p><p>सांसद गुप्ता ने कहा कि टीएनसी के अधिकारियों तथा नगर पालिका प्रशासन द्वारा तैयार किए गए फंडामेंटल डिज़ाइन में ही व्यापक त्रुटियाँ हैं। इस प्रारूप पर लगभग 1000 से अधिक आपत्तियाँ प्राप्त होना इस बात का प्रमाण है कि ड्राफ्ट बिना पर्याप्त परामर्श और बिना समिति के विश्वास में लिए तैयार किया गया।</p><p><strong>उन्होंने कहा कि—</strong></p><p>अधिकारियों ने मास्टर प्लान बनाते समय न तो समिति से चर्चा की,</p><p>न ही जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया,</p><p>और न ही जनसंख्या विश्लेषण, भूमि उपयोग या विभागीय मानकों का सही अध्ययन किया।</p><p><br>सांसद गुप्ता ने स्पष्ट कहा कि “इतना बड़ा और दीर्घकालिक प्लान बिना जनप्रतिनिधियों को शामिल किए बनाना शहर की जनता के साथ अन्याय के समान है। इसलिए यह प्लान बहुमत से अस्वीकार किया जाता है।”</p><p>तकनीकी त्रुटियों और विभागीय अनुपालन पर प्रमुख प्रश्न</p><p>माननीय सांसद ने निम्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गंभीर आपत्ति दर्ज की—</p><p>जनसंख्या एनालिसिस त्रुटिपूर्ण और वास्तविकता से दूर है।</p><p>इलेक्ट्रिक स्टेशन, ट्रॉमा सेंटर, सड़क चौड़ीकरण, एयरपोर्ट अथॉरिटी, स्पोर्ट्स, रोड सेफ्टी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विभागों के सुझाव नहीं लिए गए।</p><p>ग्राम पंचायतों को शामिल करने से पूर्व उनके विकास मॉडल पर कोई नीति प्रस्तुत नहीं की गई।</p><p>अर्बन एरिया का प्रतिशत निर्धारित करते समय ग्राम पंचायतों से कोई विमर्श नहीं किया गया।</p><p>ट्रॉमा सेंटर के लिए भारत सरकार के स्पष्ट दिशा-निर्देशों का अध्ययन नहीं किया गया।</p><p>3457 हेक्टेयर नगरीय क्षेत्र की डिजाइन व परिभाषा, उनके उपयोग,उपभोग के पहले नई भूमि जोड़ने की प्रक्रिया ठीक नहीं है।</p><p><br><strong>सांसद गुप्ता ने निर्देश दिया कि—</strong><br>“शहर द्वारा प्रस्तुत आपत्तियों और दावों का त्वरित निराकरण कर नया ड्राफ्ट समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। बिना त्रुटियों को सुधारे आगे किसी भी स्तर पर प्लान को लागू न किया जाए।”</p><p><strong>कलेक्टर ने दिए आवश्यक निर्देश</strong></p><p>बैठक में जिला कलेक्टर ने भी अधिकारियों को निर्देशित किया कि—</p><p>सभी प्राप्त दावे एवं आपत्तियों का विधिवत निराकरण किया जाए,</p><p>समिति के सुझावों को शामिल किया जाए,</p><p>और संशोधित ड्राफ्ट को अगली बैठक में समिति के समक्ष अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किया जाए।</p><p><br><strong>सांसद गुप्ता का स्पष्ट संदेश</strong></p><p>सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि मास्टर प्लान में “बुनियादी स्तर पर तालमेल का अभाव है”, और इसे काउंसिल के पटल पर रखे बिना आगे बढ़ाना प्रशासनिक त्रुटि है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की सहमति, विभागीय अध्ययन और जनता के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ ही मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जाए।</p><p>“मंदसौर शहर के विकास का मार्ग ऐसा हो जो आने वाली पीढ़ियों का आधार बने, न कि त्रुटियों वाला और विवादित प्लान। इसलिए मास्टर प्लान का पुनः परीक्षण और सुधार अनिवार्य है।”</p>
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