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गीता जयंती पर जिला जेल में आध्यात्मिक प्रवचन एवं गीता पाठ का हुआ आयोजन
<p><strong>मंदसौर</strong> / जिला जेल अधीक्षक श्री पी.के. सिंह ने बताया कि गीता जयंती के पावन अवसर पर जिला जेल मंदसौर में आध्यात्मिक प्रवचन एवं श्रीमद्भगवद्गीता के 15 वें अध्याय का पाठ आयोजित किया गया। आयोजन से बंदियों के जीवन में सकारात्मकता, नैतिकता और आत्मज्ञान की भावना का संचार होगा।</p><figure class="image"><img style="aspect-ratio:1280/591;" src="../admin/uploads/692dd855664c3_1001389665.jpg" width="1280" height="591"></figure><p>कार्यक्रम में भागवताचार्य पं. श्रीकृष्ण वल्लभ शास्त्री (मालवा स्वामी) एवं जैन मुनि संतश्री द्वारा पुरुषोत्तम योग के तात्विक तत्वों को सरल भाषा में प्रस्तुत कर बंदियों को आध्यात्मिक प्रेरणा प्रदान की गई। पं. श्रीकृष्ण वल्लभ शास्त्री ने बताया कि गीता का 15वां अध्याय मनुष्य को उसके वास्तविक स्वरूप, कर्तव्य एवं ईश्वर से जुड़ने की दिशा प्रदान करता है। वहीं जैन मुनि संतश्री ने ऊर्ध्वमूल-अधःशाखा वाले संसार रूपी वृक्ष का वर्णन करते हुए मोह, अहंकार व वासना जैसे बंधनों को ज्ञान एवं साधना से त्यागने का संदेश दिया।</p><figure class="image"><img style="aspect-ratio:1599/899;" src="../admin/uploads/692dd85fd179f_1001389605.jpg" width="1599" height="899"></figure><p>जेल अधीक्षक श्री पी.के. सिंह ने संतों का स्वागत करते हुए कहा कि यदि गीता को जीवन की कठिन परिस्थितियों में मार्गदर्शन प्रदान करने वाला जीवन-परिवर्तनकारी ग्रंथ बताया।</p><figure class="image"><img style="aspect-ratio:1280/591;" src="../admin/uploads/692dd86d62a57_1001389661.jpg" width="1280" height="591"></figure>
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