<p><strong>आलोट/दुर्गाशंकर पहाड़िया </strong>। शासकीय महाविद्यालय आलोट में बुधवार को प्राकृतिक एवं जैविक खेती (वर्मी-कंपोस्टिंग) विषय पर विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम अकादमिक क्लब, रसायन क्लब एवं कृषि विकास विभाग से हुए एमओयू के अंतर्गत आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती, जिसे कृषि शिक्षा दिवस के रूप में देशभर में मनाया जाता है, के उपलक्ष्य में किया गया।</p><p>कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एम.पी. ऋषि के निर्देशन एवं वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. संजय सिंह सोलंकी के मार्गदर्शन में हुआ। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित कृषि विस्तार अधिकारी अर्पित चतुर्वेदी ने प्राकृतिक आपदाओं एवं अन्य कारणों से फसल क्षति की स्थिति में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने वर्मी कंपोस्टिंग (केंचुआ खाद) की प्रक्रिया, मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, रासायनिक खादों के सीमित उपयोग तथा जैविक खेती के आर्थिक लाभों पर प्रकाश डाला।</p><p>इसी क्रम में कृषि विस्तार अधिकारी अशोक मालवीय ने मृदा परीक्षण की आवश्यकता, खेत से मिट्टी का नमूना लेने की सही विधि तथा परीक्षण हेतु आवश्यक वैज्ञानिक जानकारियाँ साझा कीं। वहीं कृषि विस्तार अधिकारी श्री संजय सोलंकी एवं रोहित डामर ने जैविक खेती में आवश्यक खनिज लवणों की पूर्ति हेतु प्राकृतिक जैव अपघटकों, जीवामृत एवं छाछ-पानी के मिश्रण से फफूंदीनाशक बनाने के तरीकों की जानकारी दी। उन्होंने नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक विषय—जैविक खेती के पाठ्यक्रम से जुड़े पहलुओं की भी जानकारी विद्यार्थियों को दी।</p><p>कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय परिसर में ओपन जिम्नेशियम के समीप पौधारोपण किया गया, जिसमें अतिथि वक्ताओं, विद्यार्थियों एवं महाविद्यालय परिवार ने भाग लिया।</p><p>इस अवसर पर डॉ. मंजुलता चौधरी, डॉ. विक्रम सिंह गेहलोत, डॉ. मनीष कुमार झाला, मनीष देशमुख, डॉ. विमलेश सोनी, डॉ. सरला अखंड सहित अन्य कर्मचारी एवं स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बी.एस. गुप्ता ने किया एवं आभार डॉ. संदीप सांखला ने व्यक्त किया।</p>