मंदसौर / जिले के छोटे से गांव माकड़ी माताजी में रहने वाले किसान श्री नारायण अपनी 27 आरी जमीन पर हर साल बड़ी उम्मीदों के साथ सोयाबीन की फसल बोते हैं। इस बार भी जब पहली बारिश हुई थी, तब उनकी आंखों में खुशियों की चमक थी, जैसे हर दाने में भविष्य की रोशनी दिखती हो।
लेकिन मौसम की बेरुखी ने सब बदल दिया। लगातार हुई अनियमित बारिश और फिर अचानक पड़े सूखे ने उनकी फसल को झुलसा दिया। खेत में खड़ी सोयाबीन कुछ ही हफ्तों में सूख गई। नारायण दिन-रात खेतों के चक्कर लगाते रहे, पर बचाने को कुछ न कर सके।
कई महीनों की मेहनत का फल जब हाथ से निकल गया, तो उनके खेत का सर्वे हुआ। शासकीय प्रक्रिया के बाद अंततः उन्हें 27 आरी जमीन के बदले 5 हजार रुपये का मुआवजा मिला।
उन्होंने कहा कि कम से कम सरकार ने हमारी तकलीफ़ को सुना तो, अब वे अगले मौसम के लिए फिर से तैयारी कर रहे हैं, किसान की उम्मीद कभी नहीं सूखती, जैसे मिट्टी बार-बार जीवन देती है, वैसे ही हम भी हर बार नई उम्मीद बोते हैं।
Category: Irrigation
किसान श्री नारायण को 27 आरी जमीन पर मिला 5 हजार का मुआवजा
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