विधायक सहित अनेकानेक गणमान्य नागरिकों ने शिविर का लाभ लिया
नीमच / ‘‘सारे दिन में हम कितनों से मिलते हैं, लेकिन हम अपने आप से क्या कभी मिल पाते हैं, हम दूसरों से सम्बन्ध तो मधुर बनाने का प्रयास करते हैं, किन्तु हमें अपने आप से सम्बन्ध बनाने के लिए समय भी नहीं है.. समझ भी नहीं है.. न तो हम अपने मन को समझ पाते हैं और हर बात के लिए मन को दोषी ठहरा देते हैं, जबकि सबसे अच्छा दोस्त हमारा मन ही हो सकता है । लेकिन मन को तो हमने दुश्मन बनाके रखा है । इन सब नासमझियों का एक ही कारण है कि हम स्वयं को देह मानकर जीवन जी रहे हैं। जबकि वास्तविकता तो ये है कि ‘मैं’ अर्थात ही एक चैतन्य शक्ति आत्मा.. आत्मा का ज्ञान न होने से ही देह अभिमान के कारण ही हम और हमारी कर्मेन्द्रियां काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार के वशीभूत हो जाती हैं । जब आत्मा का सत्य ज्ञान प्राप्त हो जाता है तो आत्मा के मूल गुण ही सुख, शांति, प्रेम, आनन्द, पवित्रता, ज्ञान और शक्ति है, और इन्हीं गुणों की तलाश में मानव दर-दर भटक रहा है । राजयोग मेडिटेशन हमें ज्ञान के इन मूल तत्वों से अवगत करवाता है और परमात्मा से सम्बन्ध स्थापित करके सुख, शांति, आनन्द के खजानों से भरपूर बना देता है’’ उपरोक्त विचार हर हाल में खुशहाल शिविर के तीसरे व अंतिम दिन विश्व विख्यात प्रेरक वक्ता प्रो.ई.वी.गिरीश ने व्यक्त किये । प्रोफेसर गिरीश ने शिविर के अंतिम सत्र में राजयोग मेडिटेशन के विधि विधान से अवगत करवाते हुए 15 मिनिट तक अपने शब्दों की कॉमेन्ट्री द्वारा सुख, शांति, प्रेम व आनन्द की गहन अनुभूति भी करवाई ।
अंतिम सत्र के प्रारंभ में प्रोफेसर ई.वी.गिरीश, विधायक दिलीप सिंह परिहार, सिविल जज शोभना मीणा, राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी, बी.के.सुरेन्द्र भाई, हार्टफुलनेस ग्रुप के राजमल व्यास, इंजिनियर बी.एल. गौर, पर्यावरण मित्र जगदीश शर्मा आदि ने दीप प्रज्जवलित कर सत्र का शुभारंभ किया। विधायक दिलीप सिंह परिहार ने सत्र के शुरू में अपने उद्बोधन में ब्रह्माकुमारी संस्थान के मानव उत्थान की की दिशा में विश्व व्यापी प्रयासों की सराहना की । शिविर के मध्यकाल में बी.के.सविता दीदी ने कॉमेन्ट्री देकर राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करवाया। कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति बहन ने किया तथा आभार प्रदर्शन बी.के.सुरेन्द्र भाई ने किया ।
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त्रिदिवसीय तनाव मुक्त खुशहाल जीवन शैली केम्प का समापन सम्पन्न
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